गुरुवार, 1 जून 2017

क्या सही गुरु से ले रहें है आप कत्थक नृत्य की शिक्षा

आजकल कथक नृत्य का प्रचार बढ़ रहा है यह खुशी की बात है कई सालों से दरबारों के बीच में पली-बढ़ी यह कला अब लोगों के बीच में फैल रही है और यह खुशी की बात है कि अब इसे बुरी निगाह से नहीं देखा जाता,इसके कलाकारों को अब सम्मान मिलता है,स्टेज परफॉर्मेंस मिलती है, तारीफ मिलती है। जिससे कलाकारों में कुछ नया कर गुजरने की चाहत पैदा होती है। पर इस चाहत की अंधी दौड़ में कहीं हम कथक की गलत या आधी-अधूरी शिक्षा ना लेने लगे। इसे बिना समझे बस डिग्रीयां ना इकट्ठी करते जाएं यह समझना होगा।
आजकल छोटे-बड़े कई संस्थाओं में कथक नृत्य की शिक्षा दी जा रही है. आप वहां एडमिशन लेने से पूर्व यह जरूर जान लें कि जिन से आप कथक की शिक्षा लेंगे उन्हें इसका कितना ज्ञान है आप अपने विवेक से अपना गुरु चुनें। पहले मिले, कक्षाओं का ध्यान से अवलोकन करें, फिर वहां एडमिशन ले.
कहीं ऐसा ना हो कि आपको गलत-सलत बातें समझाकर डिग्री दिलवा दी जाए। उसे आप अपने आप को पूरा कलाकार समझने लगें और बाद में आपका किसी अच्छे जानकार से सामना होने पर पता चले कि आपको कथक का जरा सा भी अच्छा ज्ञान नहीं है, इसलिए सबसे पहले कथक का एक अच्छा विद्यार्थी बनने के लिए हमें उसकी सही तालीम पर ध्यान देना होगा.
पर आप कत्थक की ट्रेनिंग में आप पता कैसे लगाएंगे कि आपको सही शिक्षा दी जा रही है या नहीं. जब कि आप जानते ही नही की शुरुआत होती कैसे हैं, आप को क्या सिखाया जाता है या नहीं सिखाया जाता. इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण और जरुरी बात है कि आप जिस संस्था में प्रवेश ले वहाँ के गुरु से आपके सम्बंधित कक्षा कि सिलेबस ले लें । फिर उस सिलेबस को ध्यान से पढ़े और सिखाने को कहें, अगर आपने सही गुरु व संस्था चुनी है तो स्वतः आप को वो सभी चीजे सिखने मिलेंगी जो सिलेबस में है अन्यथा नही।
शुरुआत में जब आपको नृत्य की शिक्षा दी जाएगी तब आपको तीन ताल में शुरुआत कराई जाएगी. सबसे पहले आपको खडे होने का तरीका बताया जाता है कि आपको कैसे और किस ढंग से खड़े होना है। हस्तक और उनकी मुद्रा को समझाया जाता है और उन मुद्रा को किस ढंग से प्रस्तुत करना है यह समझाया जाता है।
सबसे बड़ी प्रॉब्लम यह होती है कि आपको प्रैक्टिकल की शिक्षा तो दी जाती है पर थ्योरी की शिक्षा जरा सी भी नहीं दी जाती जिस वजह से कत्थक का ज्ञान आपको पूरी तरह नहीं हो पाता। इस महत्वपूर्ण बात पर भी ध्यान दें कि आपको थ्योरी समझाया जाता है या नही!
इन सभी बातो से बढ़ कर यह भी है कि जिस गुरु से आप किसी भी तरह की शिक्षा लेते है उनका सम्मान करना कभी न भूले और खुद भी इतनी मेहनत अवश्य करें कि आप सर्वश्रेष्ठ हो सकें। इस  आर्टिकल को लिखने का उद्देश्य केवल सही फैसला लेने में विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाना है इसे कोई भी गुरुजन अन्यथा न लेंगे।
धन्यवाद।


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